Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

श्रीभगवानुवाच — काम एष क्रोध एष रजोगुणसमुद्भवः । महाशनो महापाप्मा विद्ध्येनमिह वैरिणम् ॥३७ ॥

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