Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

समदुःखसुखः स्वस्थः समलोष्टाश्मकाञ्चनः । तुल्यप्रियाप्रियो धीरस्तुल्यनिन्दात्मसंस्तुतिः ॥२४ ॥

व्याकरण विश्लेषण
व्याकरण विश्लेषण अभी उपलब्ध नहीं है
श्रीशाङ्करभाष्य
भाष्य अभी उपलब्ध नहीं है