Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

यथा प्रकाशयत्येकः कृत्स्नं लोकमिमं रविः । क्षेत्रं क्षेत्री तथा कृत्स्नं प्रकाशयति भारत ॥३४ ॥

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