Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

अभ्यासेऽप्यसमर्थोऽसि मत्कर्मपरमो भव । मदर्थमपि कर्माणि कुर्वन्सिद्धिमवाप्स्यसि ॥१० ॥

व्याकरण विश्लेषण
व्याकरण विश्लेषण अभी उपलब्ध नहीं है
श्रीशाङ्करभाष्य
भाष्य अभी उपलब्ध नहीं है