Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

अहं क्रतुरहं यज्ञः स्वधाहमहमौषधम् । मन्त्रोऽहमहमेवाज्यमहमग्निरहं हुतम् ॥१६ ॥

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