Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

नाहं प्रकाशः सर्वस्य योगमायासमावृतः । मूढोऽयं नाभिजानाति लोको मामजमव्ययम् ॥२५ ॥

व्याकरण विश्लेषण
व्याकरण विश्लेषण अभी उपलब्ध नहीं है
श्रीशाङ्करभाष्य
भाष्य अभी उपलब्ध नहीं है