Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

सङ्कल्पप्रभवान्कामांस्त्यक्त्वा सर्वानशेषतः । मनसैवेन्द्रियग्रामं विनियम्य समन्ततः ॥२४ ॥

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