Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

तं विद्याद् दुःखसंयोगवियोगं योगसंज्ञितम् । स निश्चयेन योक्तव्यो योगोऽनिर्विण्णचेतसा ॥२३ ॥

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