Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

प्रशान्तात्मा विगतभीर्ब्रह्मचारिव्रते स्थितः । मनः संयम्य मच्चित्तो युक्त आसीत मत्परः ॥१४ ॥

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