Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥८ ॥

व्याकरण विश्लेषण
व्याकरण विश्लेषण अभी उपलब्ध नहीं है
श्रीशाङ्करभाष्य
भाष्य अभी उपलब्ध नहीं है