Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते । तत्स्वयं योगसंसिद्धः कालेनात्मनि विन्दति ॥३८ ॥

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