Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

सिद्धिं प्राप्तो यथा ब्रह्म तथाप्नोति निबोध मे । समासेनैव कौन्तेय निष्ठा ज्ञानस्य या परा ॥५० ॥

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