Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

न हि देहभृता शक्यं त्यक्तुं कर्माण्यशेषतः । यस्तु कर्मफलत्यागी स त्यागीत्यभिधीयते ॥११ ॥

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