Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
अध्याय 18 श्लोक 1
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अर्जुन उवाच — संन्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम् । त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ॥१ ॥

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