Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

द्वौ भूतसर्गौ लोकेऽस्मिन्दैव आसुर एव च । दैवो विस्तरशः प्रोक्त आसुरं पार्थ मे श‍ृणु ॥६ ॥

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