Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

असौ मया हतः शत्रुर्हनिष्ये चापरानपि । ईश्वरोऽहमहं भोगी सिद्धोऽहं बलवान्सुखी ॥१४ ॥

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