Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

सञ्जय उवाच — एवमुक्त्वा ततो राजन्महायोगेश्वरो हरिः । दर्शयामास पार्थाय परमं रूपमैश्वरम् ॥९ ॥

व्याकरण विश्लेषण
व्याकरण विश्लेषण अभी उपलब्ध नहीं है
श्रीशाङ्करभाष्य
भाष्य अभी उपलब्ध नहीं है