Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

कृपया परयाविष्टो विषीदन्निदमब्रवीत् । अर्जुन उवाच — ॥ दृष्ट्वेमान्स्वजनान्कृष्ण युयुत्सून्समुपस्थितान् ॥२८ ।

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