Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

हृषीकेशं तदा वाक्यमिदमाह महीपते । अर्जुन उवाच — ॥ सेनयोरुभयोर्मध्ये रथं स्थापय मेऽच्युत ॥२१ ।

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