Verse Display - श्रीमद्भगवद्गीता
श्लोक

अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम् । पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम् ॥१० ॥

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